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छ्होटी उमर है मेरी लंबी कहानिया
झुकती निगाहे मेरी उठती जवानिया
ओ रब्बा टू ही बचा
ओ रब्बा टू ही बचा
छोटी उमर है मेरी लंबी कहानिया
झुकती निगाहे मेरी उठती जवानिया
ओ रब्बा टू ही बचा
ना मैं शबाब जानू हे
ना मैं शराब जानू
च्चाया है फिर भी नशा
ओ रब्बा टू ही बचा
ओ रब्बा टू ही बचा

गोरे गालो पे ज़ुल्फो वाली हूँ मैं
थोड़ी सी गोरी थोड़ी काली हूँ मैं
गोरे गालो पे ज़ुल्फो वाली हूँ मैं
थोड़ी सी गोरी थोड़ी काली हूँ मैं
भंवरे आ जाए पके खुश्बू मेरी
खिलती चमेली जैसी डाली हूँ मैं
खिलती चमेली जैसी डाली हूँ मैं
ना मैं शबाब जानू हे
ना मैं शराब जानू
च्चाया है फिर भी नशा,
ओ रब्बा टू ही बचा
ओ रब्बा टू ही बचा

सकी बिना ही दुनिया घूम लेती हूँ
अपनी तरंग मे ही झूम लेती हूँ
सकी बिना ही दुनिया घूम लेती हूँ
अपनी तरंग मे ही झूम लेती हूँ
सबसे च्छूपा के तन्हाई में तो जी
शीशे मे खुद को ही चूम . हू
ना मैं शबाब जानू हे
ना मैं शराब जानू
च्चाया है फिर भी नशा
ओ रब्बा टू ही बचा
ओ रब्बा टू ही बचा
ओ रब्बा मई की
छ्होटी उमर है मेरी लंबी कहानिया
झुकती निगाहे मेरी उठती जवानिया
ओ रब्बा टू ही बचा
ओ रब्बा टू ही बचा

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Sajid-Wajid

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